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हफ़्ते में 40 घंटे से ज़्यादा कार्य करने से डिप्रेशन व तनाव की संभावना दोगुनी....


क्या आप एक हफ़्ते में 40 घंटे से ज़्यादा कार्य करते हैं ? अगर ऐसा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। एक नये रिसर्च के मुताबिक 7 दिनों में 40 घंटे से ज़्यादा कार्य करने से मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है । अमेरिका में Researchers की एक टीम ने 5 हज़ार लोगों पर ये Study की। इस Study के ज़रिए कार्य के तनाव व उससे बॉडी पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की गई।
हफ़्ते में 40 घंटे से ज़्यादा कार्य करने से डिप्रेशन व तनाव की संभावना दोगुनी....

शोध में वैज्ञानिकों ये पाया कि जो लोग हफ़्ते में 40 घंटे से ज़्यादा कार्य करते हैं, उनमें डिप्रेशन व तनाव की संभावना दोगुनी हो जाती है । इसमें सबसे ज़्यादा ख़तरा 35 से 40 साल की आयु वाले लोगों को है । इस आयु के लोग कार्य के तनाव को अपने घर तक ले आते हैं व कई बार रात को सोने से पहले भी अपने कार्य के बारे में ही सोचते रहते हैं। रिसर्च में ये पाया गया कि कार्य के दबाव में 50 फीसदी लोग सिर्फ़ 5 घंटे की नींद ले पाते हैं । ऐसे लोग तनाव व डिप्रेशन के सामने जल्दी पराजय मान लेते हैं व मानसिक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं ।डिप्रेशन को वार्ता से, अलग अलग तरह की Therapies से व Anti Depressant दवाओं की मदद से दूर किया जा सकता है।
अगर आपको भी लगता है कि आप Depressed हैं, तो अपने किसी दोस्त -रिश्तेदार या चिकित्सक के साथ बात कीजिए, उसके सामने अपनी भावनाओं का इज़हार कीजिए। इससे आपको लाभ होगा कुछ साल पहले इजरायल में एक Study भी की गई थी । जिसमें ये दावा किया गया कि जो लोग कार्य का ज़रूरत से ज्यादा तनाव लेते हैं उनमें सामान्य लोगों के मुकाबले दिल की बीमारियों का खतरा 80 फीसदी ज्यादा होता है ।
काम के दौरान ज्यादा तनाव लेने से बॉडी में कुछ Hormones का स्तर बढ़ जाता है। व इन Hormones की आवश्यकता से ज्यादा मात्रा दिल की धमनियों में सूजन पैदा कर सकती है, इससे दिल का दौरा पड़ सकता है । अगर आप भी हर वक्त कार्य के तनाव से घिरे रहते हैं व आपको अपने Office में Over Time करने की आदत है, तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है । आज के दौर में जीवन की स्पीड बहुत तेज़ हो गई है व कार्य के दबाव की वजह से लोग, बहुत कमज़ोर हो गये हैं। । ऐसे में एक छोटा सा झटका भी। । जानलेवा साबित हो सकता है।